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Jigar Moradabadi

Pen Name:'jigar'

Real Name:Ali Sikandar

Born:06 Apr 1890 | Moradabad, Uttar pradesh

Died:09 Sep 1960 | Gonda, Uttar pradesh

Sheikh Ali Sikandar ( 1890-1960), known as a poet  with the pen name of Jigar, was born at Moradabad, a place that he suffixed with his name like many other poets did as a matter of tradition. He did not receive any regular or formal education but learnt Persian at the initial stage and English at the level of his matriculation. He came to be known as an epicurean and a highly sociable man of pleasant disposition. He also acquired a somewhat mythic reputation as one who must drink in order to please the muse. Later, he abandoned this way of life and sought solace in a religious way of life.        Jigar got his first lessons in poetry from his father, Ali Nazar, who was a poet himself before he sought occasional advice from major poets like Dagh Dehlavi and Asghar Gondavi with whom he also lived in Gonda as a friend and benefactor. He emerged as a poet of acute romantic leanings and evolved a poetics that suited his thematic preferences and gave a definite identity to his poetry. He also earned his reputation as an iconic mushaira poet who earned huge applause from the audience. Known essentially for his ghazal that represented the stock themes of love and wine in a manner characterised by a unique musicality, he published his first collection Daagh-e-Jigar in 1928 followed by Shola-i-Toor in 1932. His third collection Aatish-e-Gul which appeared more than two decades later in 1954 earned him the prestigious Sahitya Akademi award. Jigar retains his position as one of the pillars of ghazal before the coming of the high modernists.

One of the most prominent pre-modern poets who enjoyed stunning popularity and fan-following.One of the most prominent pre-modern poets who enjoyed stunning popularity and fan-following.
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Motivational Shayari

ये जिंदगी हसीन है इससे प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतजार करो।

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।

~ निदा फ़ाज़ली

माह की आँख जो रहती है लगी ऊधर ही
उस ने फिर रौज़न-ए-नज़्ज़ारा मुक़र्रर खोला

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।

~ निदा फ़ाज़ली

दौलत-ए-दुनिया नहीं जाने की हरगिज़ तेरे साथ,
बाद तेरे सब यहीं ऐ बे-ख़बर बट जाएगी।

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।

~ निदा फ़ाज़ली

हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं,
हमसे ज़माना है, ज़माने से हम नहीं।

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।

~ निदा फ़ाज़ली

Festival Shayari

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार

घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

~ Bhagwan Das Ijaz

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

Listen Shayari:

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह

चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

Listen Shayari:

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली

जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

~ अज्ञात

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

Listen Shayari:

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह

चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

Listen Shayari:

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

तुम्हारी तो दिवाली है,

लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

~ अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

Listen Shayari:

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार

हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

~ Couplets of Jamiluddin Ali

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

Listen Shayari:

Viral Shayari — Fact-Checks

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कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

~ Bhagwan Das Ijaz

Bhagwan Das Ijaz

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

Listen Shayari:
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

Listen Shayari:
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

~ अज्ञात

अज्ञात

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

Listen Shayari:
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

Listen Shayari:
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

~ अज्ञात

अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

Listen Shayari:
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

~ Couplets of Jamiluddin Ali

Couplets of Jamiluddin Ali

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

Listen Shayari:

Happy Shayari

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यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

Funny Shayari

Jawani Shayari

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Romantic Shayari

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अज्ञात
निखर जाती है मेरी मोहब्बत
तेरी आजमाइश के बाद
सवरता जा रहा है ये इश्क
तेरी हर फरमाइश के बाद !

निखर जाती है मेरी मोहब्बत तेरी आजमाइश के बाद सवरता जा रहा है ये इश्क तेरी हर फरमाइश के बाद !

~ अज्ञात

निखर जाती है मेरी मोहब्बत तेरी आजमाइश के बाद सवरता जा रहा है ये इश्क तेरी हर फरमाइश के बाद !

Listen Shayari:
अज्ञात
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे,
हर खवाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को,
जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे……..!!!

अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब मे बुलाया है तुझे, क्यू न करे याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे……..!!!

~ अज्ञात

अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे, हर खवाब मे बुलाया है तुझे, क्यू न करे याद तुझ को, जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे……..!!!

Listen Shayari:
अज्ञात
तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो,
यु तुम हमें इशारा ना करो,
दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी,
तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो, यु तुम हमें इशारा ना करो, दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी, तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

~ अज्ञात

तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो, यु तुम हमें इशारा ना करो, दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी, तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

Listen Shayari:
अज्ञात
एक बात कहूँ जानेमन,
एक दूसरे की गलतियों को छुपा कर,
एक दूसरे का साथ देना ही,
सच्ची मोहब्बत है।

एक बात कहूँ जानेमन, एक दूसरे की गलतियों को छुपा कर, एक दूसरे का साथ देना ही, सच्ची मोहब्बत है।

~ अज्ञात

एक बात कहूँ जानेमन, एक दूसरे की गलतियों को छुपा कर, एक दूसरे का साथ देना ही, सच्ची मोहब्बत है।

Listen Shayari:
अज्ञात
न जाने क्या कशिश है,
उनकी मदहोश आँखों में,
नज़र अंदाज़ जितना करो,
नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!

न जाने क्या कशिश है, उनकी मदहोश आँखों में, नज़र अंदाज़ जितना करो, नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!

~ अज्ञात

न जाने क्या कशिश है, उनकी मदहोश आँखों में, नज़र अंदाज़ जितना करो, नज़र उन्हीं पे ही पड़ती है…….!!!

Listen Shayari:

Sad Shayari

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Parents Shayari

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Bewafa Shayari

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❤️ दिल से शायरी ❤️

अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!

हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।

Some Facts

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of people who read or write poetry, including Shayari, report reduced stress and anxiety levels.


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60%

of people who attend poetry gatherings report improved social connections.


40%

of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.


25%

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A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.


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🌟 शायरी का जादू 🌟

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शायरी क्यों खास है:

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शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"
हर शायरी एक भावना है। हर भावना एक कहानी है। अपनी कहानी खोजें।
SOME HINDI WORDS TO FIND SHAYARI
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