liveAuthor Details

Mushafi Ghulam Hamdani

Pen Name:'Mushafi'

Real Name:Sheikh Ghulam Hamdani

Born:Amroha, Uttar pradesh

Died:Lucknow, Uttar pradesh

Relatives:Muzaffar Ali Aseer (Disciple),

Sheikh Ghulam Hamadani (1747-1824) who acquired the nom de plume of Mus’hafi was born at Ballamgarh on the outskirts of Delhi although his family had long remained associated with Akbarpur and Amroha. He spent his childhood in Amroha but later moved to Delhi where he stayed for about twelve years. After Delhi suffered the onslaughts of history, he migrated first to Tanda where he enjoyed the benefaction of Nawab Mohammad Yaar Khan and then to Lucknow where he received the patronage of prince Mirza Sulaiman Shikoh. A person who could not remain steadfast in his associations with people and places, he also had on-going skirmishes with Insha Allah Khan Insha, a poet of considerable repute among his contemporaries.Mus’hafi is known to be a voracious reader and a great collector of notes on his readings. He is generally remembered as a poet who was much too prolific and resourceful with words than any other poet of his age. Even though he sold many of his ghazals to poetry lovers and lost one of his divans as it was stolen, he has left behind a huge amount of his prose and poetical works.  Mus’hafi’s works remained uncollected and unpublished for about a hundred fifty years after his death and were preserved in the form of manuscripts in various libraries.  His eight divans in Urdu and two in Persian, as well as his eighty six qasidas , twenty mathnawis, three tazkiras—Aqd-e Surraiya, Tazkira-i-Hindi, and Riyaz-ul-Fasha--and an incomplete and unpublished miscellany of his Arabic and Persian poetry and prose writings called Majma-ul-Fawaayid, bear witness to his creative potential and remarkable pedantry. A mentor of many poets of his age, Mushafi echoed several masters of the past whose poetry he admired but worked incessantly to develop his own poetics by blending multiple influences in a harmonious whole of his poetic oeuvre.

One of the most prolific 18th century poets, contemporary of Mir Taqi Mir.One of the most prolific 18th century poets, contemporary of Mir Taqi Mir.
tvshow

Latest Shayari

imagearrow
video

More Shayari

Motivational Shayari

गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मिरे आगे

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया

इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया

~ Parveen Shakir

लक्ष्य को पाने के लिए यदि हम तन,
मन और धन लगा देते हैं, सच कहता हूं,
कुंडली के सितारे भी अपनी जगह बदल देते हैं।

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया

इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया

~ Parveen Shakir

फ़राग़त से दुनिया में हर दम न बैठो,
अगर चाहते हो फ़राग़त ज़ियादा।

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया

इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया

~ Parveen Shakir

जज़्बा-ए-बे-इख़्तियार-ए-शौक़ देखा चाहिए
सीना-ए-शमशीर से बाहर है दम शमशीर का

चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया

इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया

~ Parveen Shakir

Festival Shayari

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार

घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

~ Bhagwan Das Ijaz

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

Listen Shayari:

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह

चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

Listen Shayari:

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली

जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

~ अज्ञात

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

Listen Shayari:

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार

हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

~ Couplets of Jamiluddin Ali

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

Listen Shayari:

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

तुम्हारी तो दिवाली है,

लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

~ अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

Listen Shayari:

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह

चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

Listen Shayari:

Viral Shayari — Fact-Checks

arrowright
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

~ Bhagwan Das Ijaz

Bhagwan Das Ijaz

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार

Listen Shayari:
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

Listen Shayari:
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

~ अज्ञात

अज्ञात

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

Listen Shayari:
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

~ Couplets of Jamiluddin Ali

Couplets of Jamiluddin Ali

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

Listen Shayari:
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

~ अज्ञात

अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!

Listen Shayari:
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

~ Mushafi Ghulam Hamdani

Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

Listen Shayari:

Happy Shayari

arrowright

यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

Funny Shayari

Jawani Shayari

arrowright

Romantic Shayari

arrowright
अज्ञात
तुमसे 5 मिनट बात हो जाती है तो,
दिन भर की टेंशन खत्म हो जाती है।

तुमसे 5 मिनट बात हो जाती है तो, दिन भर की टेंशन खत्म हो जाती है।

~ अज्ञात

तुमसे 5 मिनट बात हो जाती है तो, दिन भर की टेंशन खत्म हो जाती है।

Listen Shayari:
अज्ञात
तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो,
यु तुम हमें इशारा ना करो,
दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी,
तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो, यु तुम हमें इशारा ना करो, दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी, तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

~ अज्ञात

तुम दिल से हमें यों पुकारा ना करो, यु तुम हमें इशारा ना करो, दूर हैं तुमसे ये मजबूरी है हमारी, तुम तन्हाइयों में यूं तड़पाया ना करो……!!!

Listen Shayari:
अज्ञात
नदी को सागर से मिलने से ना रोको,
बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको,
जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है,
मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!

नदी को सागर से मिलने से ना रोको, बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको, जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है, मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!

~ अज्ञात

नदी को सागर से मिलने से ना रोको, बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको, जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है, मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको……!!!

Listen Shayari:
अज्ञात
दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में,
फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!

दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में, फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!

~ अज्ञात

दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में, फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!

Listen Shayari:
फ़रहत एहसास
इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से
मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते

इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते

~ फ़रहत एहसास

इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते

Listen Shayari:

Sad Shayari

arrowright

Parents Shayari

arrowright

Love Shayari

arrowright
mobile

Bewafa Shayari

arrowright
Exclusive Shayari Offer

🎉 Shayari Week Special! 🎉

Celebrate your love for Shayari with our exclusive offer! Unlock unlimited access to premium Shayari collections, handpicked by poets and artists worldwide.

  • Unlimited Access: Explore thousands of Shayari across all genres.
  • Daily Updates: Fresh Shayari delivered to you every day.
  • Exclusive Content: Premium Shayari for all.

❤️ दिल से शायरी ❤️

अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!

हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।

Some Facts

85%

of people who read or write poetry, including Shayari, report reduced stress and anxiety levels.


68%

of people find Shayari easier to use for expressing emotions compared to regular conversation.


60%

of people who attend poetry gatherings report improved social connections.


40%

of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.


25%

Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.


30%

Platforms like Instagram and YouTube see over 30% higher engagement on posts with Shayari compared to regular content.


35%

A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.


40%

Shayari is shared on social media platforms 40% more often than traditional text posts.

🌟 शायरी का जादू 🌟

शब्दों में छुपा है वो जादू जो दिल को छू जाए। चाहे खुशी हो या ग़म, शायरी हर भावना को खास बना देती है। आइए और अपनी भावनाओं को एक नया आयाम दें!

Inspirational Shayari

शायरी क्यों खास है:

  • दिल की बातों को बयां करने का सबसे खूबसूरत जरिया।
  • हर दिन नई प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत।
  • दोस्तों और परिवार के साथ साझा करने के लिए परफेक्ट।

अपनी हर भावना को शायरी के ज़रिए खास बनाइए। नई शायरी हर दिन!

Top Categories

❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️

शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

Express Emotions Through Shayari

शायरी के फायदे:

  • तनाव कम करें: अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मानसिक शांति देता है।
  • संबंधों को मजबूत बनाएं: खास लम्हों में शायरी से अपनी बात कहें।
  • नई प्रेरणा पाएं: हर दिन पढ़ें नई शायरी और बनाएं खुद का शायरी संग्रह।
  • पर्यावरण के लिए योगदान: हमारी हर शायरी पोस्ट के साथ, हम एक पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं।
"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"
हर शायरी एक भावना है। हर भावना एक कहानी है। अपनी कहानी खोजें।
SOME HINDI WORDS TO FIND SHAYARI
Yowords Copyright © 2024. All rights reserved.