Featured Shayari
कई चाँद थे सर-ए-आसमाँ कि चमक चमक के पलट गए
न लहू मिरे ही जिगर में था न तुम्हारी ज़ुल्फ़ सियाह थी
~ Ahmed Mushtaqकहते हैं सब देख कर बेताब मेरा उज़्व उज़्व
आदमी अब तक नहीं देखा कहीं सीमाब का
~ Munir Shikohabadi“सरफ रोशन रहे तेरा, मेरे हिस्से में चाहे धूल हो,
फिर भी यही दुआ करूंगा तेरी हर दुआ कबूल हो..!!!”
~ अज्ञातरौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से
निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में
~ Ismail Meerthiदुख़्तर-ए-रज़ की हूँ सोहबत का मुबाशिर क्यूँ-कर
अभी कम-सिन है बहुत मर्द से शरमाती है
~ Mushafi Ghulam Hamdaniकिसी दिन तो होगी रोशन मेरी भी जिंदगी
मुझे इंतजार सुबह का नहीं आपकी रहमत का है !!
~ अज्ञातबढ़ाई मय जो मोहब्बत से आज साक़ी ने
ये काँपे हाथ कि साग़र भी हम उठा न सके
ये इश्क़-विश्क़ का क़िस्सा तमाम हो जाए
सफ़ेद दाढ़ी हवस की गुलाम हो जाए
जवान लड़कियों बूढ़ों से तुम रहो हुश्यार
न जाने कौन कहाँ आसाराम हो जाए
हक़ीक़तों की चादर में लिपटे हैं अफ़साने अपने
दोस्त तो दोस्त दुश्मन भी दीवाने हैं अपने
ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है
हद्द-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार ही ग़ुबार है
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं
आ गया ‘जौहर’ अजब उल्टा ज़माना क्या कहें,
दोस्त वो करते हैं बातें जो अदू करते नहीं
हम ही उन को बाम पे लाए और हमीं महरूम रहे
पर्दा हमारे नाम से उट्ठा आँख लड़ाई लोगों ने

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

दोस्त वही है जो तकलीफों में भी हँसी बिखेरता है,
अपनी खुशियों से कहीं ज्यादा दोस्तों की खुशियों को महत्व देता है!
~ अज्ञात
दोस्त वही है जो तकलीफों में भी हँसी बिखेरता है, अपनी खुशियों से कहीं ज्यादा दोस्तों की खुशियों को महत्व देता है!
“ज़िन्दगी का हर पल सुख दे आपको, दिन का हर लम्हा ख़ुशी दे आपको, जहाँ गम की हवा छू के भी ना गुजरे, खुदा वो ज़िन्दगी दे आपको! जन्मदिन की बधाई हो!!”

तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो
मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो
~ जौन-एलिया
तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो
More Shayari
Motivational Shayari

हार कर भी मुस्कुराना ही तेरी जीत है
बीते लम्हों को भूल जाना ही दुनिया की रीत है !
~ अज्ञात

हार कर भी मुस्कुराना ही तेरी जीत है
बीते लम्हों को भूल जाना ही दुनिया की रीत है !
~ अज्ञात

हार कर भी मुस्कुराना ही तेरी जीत है
बीते लम्हों को भूल जाना ही दुनिया की रीत है !
~ अज्ञात
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए।

हार कर भी मुस्कुराना ही तेरी जीत है
बीते लम्हों को भूल जाना ही दुनिया की रीत है !
~ अज्ञात
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।
Festival Shayari

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali
Shayari Trivia You Didn't Know
- The word Shayari originates from the Persian word She’r, meaning poetry.
- Mirza Ghalib is considered one of the greatest Shayars of all time.
- Urdu Shayari is often written in the poetic form called ghazal.
- Bollywood movies have made Shayari more mainstream, with famous dialogues often resembling Shayari.
Funny Shayari
अज्ञात

अगर तुम मुझसे रूठोगी तो बताऊँ कैसे मनाऊँगा,
आकर तेरे पास एक कान के नीचे लगाऊँगा।
~ अज्ञात
Shayari in the Digital Age
- Instagram: Shayari hashtags like #UrduShayari and #HindiShayari have millions of posts.
- WhatsApp: Shayari statuses and forwards are a daily ritual for many users.
- YouTube: Shayari channels featuring spoken poetry performances have millions of subscribers.
- Facebook Groups: Dedicated Shayari communities connect people across continents.

सीने से लगाकर तुमसे बस
इतना ही कहना है,
मुझे जिंदगी भर आपके ही
साथ रहना है !
~ अज्ञात
सीने से लगाकर तुमसे बस इतना ही कहना है, मुझे जिंदगी भर आपके ही साथ रहना है !

मैं वहां जाकर भी मांग लूं तुझे,
कोई बता दे कुदरत के फैसले कहां होते हैं !
~ अज्ञात
मैं वहां जाकर भी मांग लूं तुझे, कोई बता दे कुदरत के फैसले कहां होते हैं !

आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ
~ क़तील शिफ़ाई
आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ

एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है
इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता
~ जावेद नसीमी
एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
~ क़ैसर-उल जाफ़री
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
अज्ञात
“दिल का हर दर्द अब तुम्हारी यादों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें मैं कभी भुला नहीं सकता।”
View Shayariमहमूद शाम
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
View Shayariअज्ञात
आसू तेरी यादो की कैद में है तेरी याद आने से, इन्हें जमानत मिल, जाती है
View Shayariअज्ञात
मेरी खामोशी से कोई अंदाज़ा न लगा सका, कि इस टूटे दिल में कितना दर्द छुपा है।
View Shayariअज्ञात
हम तो तन्हाई में भी हंसते हैं, पर दिल के अंदर का दर्द कभी कोई नहीं देख पाता।
View Shayariये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ
इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा
~ Munawwar Ranaहांथ पैरपै मुंहमुं नाक से ले कर दादा दादी चाचा चाची बहन भाई रोना हंसहं ना तक सिखाती है।है
वो एक मां हीं है जो अपने बच्चेको एक गुरु के लायक बनाती है।।है
~ अज्ञातA Glimpse Into Shayari’s Rich History
- Origins: Shayari originated in ancient Persian and Arabic literature.
- Evolution: It evolved through Mughal influence and became a staple of South Asian culture.
- Golden Era: The 18th and 19th centuries saw legendary poets like Mirza Ghalib and Allama Iqbal.
- Modern Times: Today, Shayari is celebrated in events like mushairas (poetry gatherings).
ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद
ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद
महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी
नासिर काज़मी
अब दोस्तो के दिलो में,
अब दोस्तो के दिलो में, दोस्ती के फूल नहीं खिलते, दिल में नफ़रत लिए हँस कर मिलते हैं…!!
अज्ञातजब आपको बिना गलती के सजा मिले,
जब आपको बिना गलती के सजा मिले, तो उसे Bewafai कहा जाता है…!!
अज्ञातमेरे जख्मों पर कुछ इस तरह से मरहम लगती है
मेरे जख्मों पर कुछ इस तरह से मरहम लगती है वो पहले इश्क़ की बातें करती थी अब दोस्त बुलाती है वो
अज्ञाततेरी फितरत को गिरते,
तेरी फितरत को गिरते, इतना करीब से देखा है मैंने, तू किरदार बदल रही थी अपना, तेरा चेहरा गिरता देखा है मैंने…!!
अज्ञातपलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं,
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं, वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं, वो पूछते हैं कि सपनो मैं किसे देखते हो, हम हैं कि इतने सालो से सोये ही नहीं।
अज्ञातकभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना,
कभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना, वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हें दे ना सकें…!!
अज्ञातअपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी, वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे…!!
अज्ञातदिल टूटा, ख्वाब बिखरे,
दिल टूटा, ख्वाब बिखरे, तेरी यादों में बस एक बेवफाई की दास्तां रह गई।
अज्ञातThe Healing Power of Shayari
- Emotional Expression: Shayari gives words to feelings that are often hard to express.
- Stress Relief: Reading or writing Shayari can be a therapeutic activity.
- Connection: Shayari fosters connections between individuals by resonating with shared emotions.
- Inspiration: Motivational Shayari inspires people to overcome challenges and stay positive.

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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।
Some Facts
85%
of people who read or write poetry, including Shayari, report reduced stress and anxiety levels.
68%
of people find Shayari easier to use for expressing emotions compared to regular conversation.
60%
of people who attend poetry gatherings report improved social connections.
40%
of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.
25%
Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
30%
Platforms like Instagram and YouTube see over 30% higher engagement on posts with Shayari compared to regular content.
35%
A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.
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Shayari is shared on social media platforms 40% more often than traditional text posts.
🌟 शायरी का जादू 🌟
शब्दों में छुपा है वो जादू जो दिल को छू जाए। चाहे खुशी हो या ग़म, शायरी हर भावना को खास बना देती है। आइए और अपनी भावनाओं को एक नया आयाम दें!

शायरी क्यों खास है:
- दिल की बातों को बयां करने का सबसे खूबसूरत जरिया।
- हर दिन नई प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत।
- दोस्तों और परिवार के साथ साझा करने के लिए परफेक्ट।
अपनी हर भावना को शायरी के ज़रिए खास बनाइए। नई शायरी हर दिन!
Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
- तनाव कम करें: अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मानसिक शांति देता है।
- संबंधों को मजबूत बनाएं: खास लम्हों में शायरी से अपनी बात कहें।
- नई प्रेरणा पाएं: हर दिन पढ़ें नई शायरी और बनाएं खुद का शायरी संग्रह।
- पर्यावरण के लिए योगदान: हमारी हर शायरी पोस्ट के साथ, हम एक पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं।
"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"