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हैसियत मेरी छोटी है, मन मेरा शिवाला है,
करम तो मैं करता जाऊँ, क्योंकि साथ मेरे भोले बाबा हैं!
ले गया दे एक बोसा अक़्ल ओ दीन ओ दिल वो शोख़
क्या हिसाब अब कीजे कुछ अपना ही फ़ाज़िल रह गया
जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे
तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ
ज़े-हाल-ए-मिस्कीं मकुन तग़ाफ़ुल दुराय नैनाँ बनाए बतियाँ
कि ताब-ए-हिज्राँ नदारम ऐ जाँ न लेहू काहे लगाए छतियाँ
More Shayari
Motivational Shayari

काँटे बोने वाले सच-मुच तू भी कितना भोला है,
जैसे राही रुक जाएँगे तेरे काँटे बोने से।
~ मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
मैं ने जुनूँ से की जो 'असद' इल्तिमास-ए-रंग
ख़ून-ए-जिगर में एक ही ग़ोता दिया मुझे

काँटे बोने वाले सच-मुच तू भी कितना भोला है,
जैसे राही रुक जाएँगे तेरे काँटे बोने से।
~ मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

काँटे बोने वाले सच-मुच तू भी कितना भोला है,
जैसे राही रुक जाएँगे तेरे काँटे बोने से।
~ मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
तदबीर के दस्त-ए-रंगीं से तक़दीर दरख़्शाँ होती है,
क़ुदरत भी मदद फ़रमाती है जब कोशिश-ए-इंसाँ होती है।

काँटे बोने वाले सच-मुच तू भी कितना भोला है,
जैसे राही रुक जाएँगे तेरे काँटे बोने से।
~ मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
दम नहीं किसी में की मिटा सके हमारी दोस्ती को,
जंग तलवारों को लगता है जिगरी यार को नहीं!
Festival Shayari

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
~ ख़ुमार बाराबंकवी
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
हंसी आपकी कोई चुरा ना पाये, आपको कभी कोई रुला ना पाये, खुशियाँ का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में, कि कोई तुफान भी उसे बुझा ना पाये।

अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और,
वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी !!
~ अज्ञात
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और, वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी !!
Funny Shayari

तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम ‘जान’ तो दे देते हैं, मगर ‘जाने’ नहीं देते…..!!!
~ अज्ञात
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना, हम ‘जान’ तो दे देते हैं, मगर ‘जाने’ नहीं देते…..!!!

गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है,
कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम,
जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,
ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम……!!!
~ अज्ञात
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है, कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम, जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा, ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम……!!!

गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है……..!!!
~ अज्ञात
गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है, चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है, बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख, तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है……..!!!

कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना,
मगर आना इस तरह कि, यहाँ से फिर ना जाना।
~ अज्ञात
कभी शाम ढले तो मेरे दिल में आ जाना, मगर आना इस तरह कि, यहाँ से फिर ना जाना।

दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में,
फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!
~ अज्ञात
दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में, फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है…….!!!
अज्ञात
सच्चा प्यार केवल दो,पल के लिए ही होता हैं, पर जख्म सालों के,लिए दे जाता हैं..
View Shayariअज्ञात
हंसते हुए चेहरे के पीछे छुपे होते हैं कई ग़म, जिंदगी की सच्चाई हर किसी के बस की बात नहीं।
View ShayariAitbar Sajid
पहले ग़म-ए-फ़ुर्क़त के ये तेवर तो नहीं थे रग रग में उतरती हुई तन्हाई तो अब है
View ShayariKhumar Barabankvi
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
View Shayariअज्ञात
ज़िन्दगी में कुछ पल बस ऐसे गुजर जाते है बस रहे जाती हैं तो उनकी यादें।
View Shayariमेरे जख्मों पर कुछ इस तरह से मरहम लगती है
मेरे जख्मों पर कुछ इस तरह से मरहम लगती है वो पहले इश्क़ की बातें करती थी अब दोस्त बुलाती है वो
अज्ञातउन्हें यकीन है कि हम रो पड़ेंगे,
उन्हें यकीन है कि हम रो पड़ेंगे, हम भी तो इंसान हैं, इल्ज़ाम नहीं करते…!!
अज्ञातदिल का दरिया था, बहते चला गया,
दिल का दरिया था, बहते चला गया, दर्द की लहरों में खुद को तू बहा गया…!!
अज्ञातक्या पता था कि महोब्बत हो जायेगी,
क्या पता था कि महोब्बत हो जायेगी, हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा…!!
अज्ञातहर खूबसूरत चीज को
हर खूबसूरत चीज को एक खूबसूरत चीज़ कि तलाश होती है लेकिन हर खूबसूरत चीज बेवफ़ा होती हैं…!!
अज्ञातआज पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है,
आज पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है, की इस दुनिया में मेरा कोई नहीं है…!!
अज्ञात
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"