Author Details

Pen Name:'akbar'
Real Name:Syed Akbar Hussain Rizvi
Born:16 Nov 1846 | Allahabad, Uttar pradesh
Died:09 Sep 1921
The greatest Urdu poet of humour and satire who was a Sessions judge at Allahabad.The greatest Urdu poet of humour and satire who was a Sessions judge at Allahabad.
प्यार ना दिल से होता है, ना दिमाग से होता है
यह प्यार तो इत्तेफ़ाक से होता है
पर प्यार करके प्यार ही मिले,
ये इत्तेफ़ाक किसी किसी के साथ होता है।
मोहब्बत के चर्चे बहुत हैं यारों,
हुस्न के पर्चे बहुत है यारों,
मोहब्बत करने से पहले सोच लेना,
क्योंकि इसमें खर्चे बहुत है यारों।
अब कारगह-ए-दहर में लगता है बहुत दिल
ऐ दोस्त कहीं ये भी तिरा ग़म तो नहीं है
मेरी ख़ुशी के लम्हे इस कदर मुख़्तसर हैं फ़राज़,
अभी मुजरा शुरू ही हुआ था के छापा पड़ गया..!
परतव-ए-ख़ुर से है शबनम को फ़ना की ता’लीम
मैं भी हूँ एक इनायत की नज़र होते तक
More Shayari
Motivational Shayari

दुनिया में वही शख़्स है ताज़ीम के क़ाबिल,
जिस शख़्स ने हालात का रुख़ मोड़ दिया हो।
~ अज्ञात
न मुझ को कहने की ताक़त कहूँ तो क्या अहवाल
न उस को सुनने की फ़ुर्सत कहूँ तो किस से कहूँ

दुनिया में वही शख़्स है ताज़ीम के क़ाबिल,
जिस शख़्स ने हालात का रुख़ मोड़ दिया हो।
~ अज्ञात
सुतून-ए-दार पे रखते चलो सरों के चराग़,
जहाँ तलक ये सितम की सियाह रात चले।

दुनिया में वही शख़्स है ताज़ीम के क़ाबिल,
जिस शख़्स ने हालात का रुख़ मोड़ दिया हो।
~ अज्ञात
भंवर से कैसे बच पाया किसी पतवार से पूछो,
हमारा हौसला पूछो तो फिर मझधार से पूछो!
हौसला मझधार जैसा ही होना चाहिए कि नहीं।

दुनिया में वही शख़्स है ताज़ीम के क़ाबिल,
जिस शख़्स ने हालात का रुख़ मोड़ दिया हो।
~ अज्ञात
Festival Shayari

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

कई चाँद थे सर-ए-आसमाँ कि चमक चमक के पलट गए
न लहू मिरे ही जिगर में था न तुम्हारी ज़ुल्फ़ सियाह थी
~ Ahmed Mushtaq
कई चाँद थे सर-ए-आसमाँ कि चमक चमक के पलट गए न लहू मिरे ही जिगर में था न तुम्हारी ज़ुल्फ़ सियाह थी
Funny Shayari
अज्ञात

हो गए हुस्न के तेवर नुकीले हो गए,
हम इज़हार करने में रह गए,
उधर उनके हाथ पीले हो गए।
~ अज्ञात
और भी चीजें बहुत सी लुट चुकी है दिल के साथ,
ये बताया दोस्तों ने इश्क फरमाने के बाद,
इसलिए कमरे की एक एक चीज़ चेक करता हूँ,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद!

शान से हम तेरे दिल में रहेंगे,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी,
इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!
~ अज्ञात
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे, तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे, देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी, इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!

किस कदर हमने एक इंसान को चाहा,
जिसे भुला पाना बस की नहीं और पाना किस्मत में नहीं।
~ अज्ञात
किस कदर हमने एक इंसान को चाहा, जिसे भुला पाना बस की नहीं और पाना किस्मत में नहीं।

तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम ‘जान’ तो दे देते हैं, मगर ‘जाने’ नहीं देते…..!!!
~ अज्ञात
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना, हम ‘जान’ तो दे देते हैं, मगर ‘जाने’ नहीं देते…..!!!

तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वही से शुरू होती है जिंदगी हमारी,
नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी…..!!!
~ अज्ञात
तनहाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी, वही से शुरू होती है जिंदगी हमारी, नहीं सोचा था हम चाहेंगे तुम्हें इस कदर, पर अब तो बन गए हो तुम किसमत हमारी…..!!!

वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई,
उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई,
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा,
मज़ाक हमसे हवा कर गई….!!!
~ अज्ञात
वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई, उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई, आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा, मज़ाक हमसे हवा कर गई….!!!
अज्ञात
तेरे बिना हर रात अधूरी सी लगती है, जैसे किसी रात को चांद छुपा हो बादलों में।
View Shayariअज्ञात
दिल टूटने की आवाज़ तो नहीं होती, पर इसका दर्द, हमेशा दिल में रह जाता है।
View Shayariअज्ञात
जो सबको संभालने की,, कोशिश करता हैं न, उसको संभालना हर कोई भूल जाता हैं…
View Shayariतेरे धोखे ने मेरे दिल को ऐसे तोड़ा,
तेरे धोखे ने मेरे दिल को ऐसे तोड़ा, आँखों से आँसुओं का समंदर बह निकला।
अज्ञातबड़ी सादगी से वो बेवफाई करके निकल गए,
बड़ी सादगी से वो बेवफाई करके निकल गए, हम वफाएं करके भी बस तंहा यूं ही रह गए…!!
अज्ञाततेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया, मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से…!!
अज्ञातमुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकालकर उसे दे देना,
मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकालकर उसे दे देना, मैं नहीं चाहता कि वो खेलना छोड़ दे…!!
अज्ञातएक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के
एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है
जोश मलीहाबादीएक बेवफा से मैंने प्यार क्या,
एक बेवफा से मैंने प्यार क्या, दिल देकर उस पर एतेबार क्या, हमने तो समझ था उसे हम दर्द अपना, मगर बनकर बेदर्द उसने, दिल पर मेरा वॉर किया।
अज्ञातकोई रिश्ता टूट जाये दुख तो होता है,
कोई रिश्ता टूट जाये दुख तो होता है, अपने हो जायें पराये दुख तो होता है, माना हम नहीं प्यार के काबिल, मगर इस तरह कोई ठुकराये दुख तो होता है।
अज्ञातसिर्फ सांसों का थम जाना ही मौत नही होती
सिर्फ सांसों का थम जाना ही मौत नही होती अपने पसंद को खोना भी मौत ही है।
अज्ञात
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