भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
~ Khumar Barabankvi
Shayari Across the Globe
- Languages: Shayari is popular in Hindi, Urdu, Persian, Punjabi, and many other languages.
- Global Communities: Millions of people worldwide share Shayari daily on social media platforms.
- Cultural Significance: Shayari plays a vital role in literature, music, and traditional events.
- Digital Revolution: Online platforms and apps have made Shayari accessible to a global audience.
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ख़ुद अपनी मस्ती है जिस ने मचाई है हलचल
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल
~ Aarif Jalali
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
~ Allama Iqbalbadri
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
~ Jigar Moradabadi Badri
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है
~ Bashir Badri
ग़ज़ल उस ने छेड़ी मुझे साज़ देना
ज़रा उम्र-ए-रफ़्ता को आवाज़ देना
~ safi lakhnavibadri
उन्हें ये ज़िद थी के हम बुलाते...
उन्हें ये ज़िद थी के हम बुलाते, हमें ये उम्मीद वो पुकारें
है नाम होंठों में अब भी लेकिन, आवाज़ में पड़ गई दरारें
~ Film- Thodi Si Bewafai (1978)
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
~ Allama Iqbal
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
~ Jigar Moradabadi
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है
~ Bashir Badr
ग़ज़ल उस ने छेड़ी मुझे साज़ देना
ज़रा उम्र-ए-रफ़्ता को आवाज़ देना
~ Safi Lucknowi
इंसाँ करे अगर न तिरी चाह क्या करे
सीने से लगाएँ तुम्हें अरमान यही है
जीने का मज़ा है तो मिरी जान यही है
~ Akbar Allahabadi
लोग कहते हैं कि बद-नामी से बचना चाहिए
कह दो बे इस के जवानी का मज़ा मिलता नहीं
~ Akbar Allahabadi
अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में ज़िंदगानी का मज़ा
जब ख़ुदा का सामना होगा तो देखा जाएगा
आशिक़ी का हो बुरा उस ने बिगाड़े सारे काम
~ Akbar Allahabadi
उन्हें भी जोश-ए-उल्फ़त हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का
हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है
~ Akbar Allahabadi
मज़ा है स्पीच का डिनर में ख़बर ये छपती है पाइनियर में
फ़लक की गर्दिश के साथ ही साथ काम यारों का चल रहा है
~ Akbar Allahabadi
सय्यद की सरगुज़िश्त को हाली से पूछिए
ग़ाज़ी मियाँ का हाल डफ़ाली से पूछिए
~ Akbar Allahabadi
हमें तो अपनी जुस्तुजू भी ख़ुद से दूर ले गई
तुम्हारी जुस्तुजू तो फिर तुम्हारी जुस्तुजू हुई
~ dear nabeel
हमें तो अपनी जुस्तुजू भी ख़ुद से दूर ले गई
तुम्हारी जुस्तुजू तो फिर तुम्हारी जुस्तुजू हुई
~ dear nabeel
मुझ को अग़वा कर लिया है मेरे ख़्वाबों ने 'नबील'
और मिरी आँखें उन्हें मतलूब हैं तावान में
~ dear nabeel
'नबील' आवाज़ भी अपनी कहाँ थी मुद्दतों से
जो तुम आए तो हम यक-लख़्त महफ़िल हो गए हैं
~ dear nabeel
जंगजं कैसी भी हो जीती जा सकती है, हैमसला कोई भी हल किया जा सकता है।है
बात गद्दारी करने की थी वर्ना, हालत कैसी भी हो लेकिन निभाई जा सकती है।।है
वाकिफ कहां ज़माना हमारी उड़ान से,
वो और थे जो हार गए आसमान से।
आपकी उड़ान ऐसी है कि आप कभी हारेंगे नहीं,
ये बात सबको बता दीजिए।
ख़ामुशी टूटेगी आवाज़ का पत्थर भी तो हो
जिस क़दर शोर है अन्दर कभी बाहर भी तो हो
“अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा
जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा…”
ये दाग़ दाग़ उजाला ये शब-गज़ीदा सहर
वो इंतिज़ार था जिस का ये वो सहर तो नहीं
हर कूचा शो'ला-ज़ार है हर शहर क़त्ल-गाह
यक-जेहती-ए-हयात के आदाब क्या हुए
Why Shayari is Loved Worldwide
- Timeless Art: The tradition of Shayari dates back centuries and remains relevant today.
- Versatility: From romantic verses to motivational lines, Shayari covers a broad spectrum of emotions.
- Engagement: Shayari posts and quotes consistently generate high engagement on platforms like Instagram and Twitter.
- Cultural Identity: It serves as a symbol of cultural pride in many regions.
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Motivational Shayari

बहुत नाकाम इंसान हूँ मैं,
पहले तुझको पाने में नाकाम रहा फिर भुलाने में!
~ अज्ञात
न तो होश से तआरुफ़ न जुनूँ से आश्नाई
ये कहाँ पहुँच गए हैं तिरी बज़्म से निकल के

बहुत नाकाम इंसान हूँ मैं,
पहले तुझको पाने में नाकाम रहा फिर भुलाने में!
~ अज्ञात
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है,
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है।

बहुत नाकाम इंसान हूँ मैं,
पहले तुझको पाने में नाकाम रहा फिर भुलाने में!
~ अज्ञात

बहुत नाकाम इंसान हूँ मैं,
पहले तुझको पाने में नाकाम रहा फिर भुलाने में!
~ अज्ञात
Festival Shayari

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात

कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani

तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात
Shayari That Changed Lives
- Healing Through Words: Shayari has helped individuals cope with grief and loss.
- Romantic Connections: Many love stories began with shared Shayari.
- Success Stories: Writers who started with Shayari have gone on to become bestselling poets and authors.

जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर

'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार

अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।

रौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से
निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में
~ Ismail Meerthi
रौशन है आफ़्ताब की निस्बत चराग़ से निस्बत वही है आप में और आफ़्ताब में
हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह – मीना कुमारी नाज़

वफ़ा-शिआर कई हैं कोई हसीं भी तो हो
चलो फिर आज उसी बेवफ़ा की बात करें
~ Sahir Ludhianvi
वफ़ा-शिआर कई हैं कोई हसीं भी तो हो चलो फिर आज उसी बेवफ़ा की बात करें
Shayari Trivia You Didn't Know
- The word Shayari originates from the Persian word She’r, meaning poetry.
- Mirza Ghalib is considered one of the greatest Shayars of all time.
- Urdu Shayari is often written in the poetic form called ghazal.
- Bollywood movies have made Shayari more mainstream, with famous dialogues often resembling Shayari.
Funny Shayari
अज्ञात

रात को चुकंदर खाए थे बेहिसाब,
सुबह उठे तो हो गया पेट खराब!
~ अज्ञात
Shayari in the Digital Age
- Instagram: Shayari hashtags like #UrduShayari and #HindiShayari have millions of posts.
- WhatsApp: Shayari statuses and forwards are a daily ritual for many users.
- YouTube: Shayari channels featuring spoken poetry performances have millions of subscribers.
- Facebook Groups: Dedicated Shayari communities connect people across continents.

मैं बेचैन सा लगता हूं
वो राहत जैसी लगती हैं
मैं खो जाता हूं ख्वाबों में
वो भीतर मेरे जगती हैं !
~ अज्ञात
मैं बेचैन सा लगता हूं वो राहत जैसी लगती हैं मैं खो जाता हूं ख्वाबों में वो भीतर मेरे जगती हैं !

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
~ क़ैसर-उल जाफ़री
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे

ए खुदा उन्हे हमेशा खुश रखना जिन्हे,
हम तुमसे भी पहले याद किया करते है……!!!
~ अज्ञात
ए खुदा उन्हे हमेशा खुश रखना जिन्हे, हम तुमसे भी पहले याद किया करते है……!!!

हम तो आँखों में संवरते हैं, वही संवरेंगे,
हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं……..!!!
~ अज्ञात
हम तो आँखों में संवरते हैं, वही संवरेंगे, हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं……..!!!

तू मिल गई है तो मुझपे नाराज है खुदा
कहता है कि तू अब कुछ मांगता ही नहीं !
~ अज्ञात
तू मिल गई है तो मुझपे नाराज है खुदा कहता है कि तू अब कुछ मांगता ही नहीं !
A Glimpse Into Shayari’s Rich History
- Origins: Shayari originated in ancient Persian and Arabic literature.
- Evolution: It evolved through Mughal influence and became a staple of South Asian culture.
- Golden Era: The 18th and 19th centuries saw legendary poets like Mirza Ghalib and Allama Iqbal.
- Modern Times: Today, Shayari is celebrated in events like mushairas (poetry gatherings).
अज्ञात
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
View Shayariअज्ञात
किस्मत ने हमें हर बार अलग कर दिया, हमने हर बार उसे साथ रहने की दुआ की।
View Shayariअज्ञात
“दिल की मोहब्बत में अक्सर धोखा ही मिलता है, क्योंकि कोई भी दिल से वफा नहीं करता।”
View Shayariअज्ञात
दिल की बातें अब किससे कहें, तुम्हारे बाद इस दिल में कोई जगह ही नहीं बची।
View Shayariअज्ञात
कभी खुशी की तलाश में इतना खो जाते हैं, कि खुद को ही गुम कर बैठते हैं।
View ShayariThe Healing Power of Shayari
- Emotional Expression: Shayari gives words to feelings that are often hard to express.
- Stress Relief: Reading or writing Shayari can be a therapeutic activity.
- Connection: Shayari fosters connections between individuals by resonating with shared emotions.
- Inspiration: Motivational Shayari inspires people to overcome challenges and stay positive.
तुम नहीं मिले तो क्या हुआ,
तुम नहीं मिले तो क्या हुआ, मैं जिंदगी भर तुम्हें ही चाहता रहूंगा, यह जरूरी तो नहीं है की तुम, मुझे ना चाहो तो मैं भी तुम्हें छोड़ दूं…!!
अज्ञातदिल का दरिया था, बहते चला गया,
दिल का दरिया था, बहते चला गया, दर्द की लहरों में खुद को तू बहा गया…!!
अज्ञातन मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत
न मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत न वफ़ा ही तुम्हें आई न जफ़ा ही आई
बेखुद बदायुनीमुद्दा ये नही की दाल महंगी है गालिब
मुद्दा ये नही की दाल महंगी है गालिब दर्द ये है की किसी की गल नही रही
अज्ञातएटीटूड दिखाने वालों को हम मुंह नहीं लगाते,
एटीटूड दिखाने वालों को हम मुंह नहीं लगाते, शराफत दिखाने वाले हमारे दिलों में राज करते हैं…!!
अज्ञातकिसी को अगर दिल से,
किसी को अगर दिल से, अपना माना हो और वह हमें, अपना ना समझे तो आखें ही नहीं, दिल भी रो देता है…!!
अज्ञातमोहब्बत की वो गलियां, अब सुनसान पड़ी हैं,
मोहब्बत की वो गलियां, अब सुनसान पड़ी हैं, तेरी बेवफाई ने, इश्क को भी शर्मसार किया है।
अज्ञातShayari in the Headlines
- Shayari Competitions:International Shayari contests are drawing participants from all over the world.
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❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।
Some Facts
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Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
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🌟 शायरी का जादू 🌟
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शायरी क्यों खास है:
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Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।

शायरी के फायदे:
- तनाव कम करें: अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मानसिक शांति देता है।
- संबंधों को मजबूत बनाएं: खास लम्हों में शायरी से अपनी बात कहें।
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"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"