Author Details
![Nasir Kazmi](/_next/image?url=%2Fassets%2Fimages%2Foutput%2Fnasir-kazmi.jpg&w=256&q=75)
Pen Name:'Nasir'
Real Name:Naasir Raza Kazmi
Born:08 Dec 1925 | Ambala, Haryana
Died:02 Mar 1972 | Lahore, Punjab
Relatives:Basir Sultan Kazmi (Son),
One of the founders of modern ghazal. Born at Ambala in India, he migrated to Pakistan and wrote extensively on the pain and sufferings of partition.One of the founders of modern ghazal. Born at Ambala in India, he migrated to Pakistan and wrote extensively on the pain and sufferings of partition.
ठहराव था कुछ पल का अब हमें चलना होगा,
बदलना है जो दुनिदु या को खुदखु को बदलना होगा।
कुफ़्र और दीं में तग़ायर नहीं गर देखिए ख़ूब
साथ तस्बीह के दानों के तो ज़ुन्नार भी है
अगर तुम अब भी मेरी हो जाओ तो मैं,
दुनिया की हर किताब से बेवफा लफ्ज मिटा दूंगा…!!
तौबा तौबा शैख़ जी तौबा का फिर किस को ख़याल
जब वो ख़ुद कह दे कि पी थोड़ी सी पी मेरे लिए
More Shayari
Motivational Shayari
![मेरे हाथों की लकीरों के इज़ाफ़े हैं गवाह,
मैंने पत्थर की तरह खुद को तराशा है बहुत।](/_next/image?url=%2Fassets%2Fmotivational1.jpeg&w=3840&q=75)
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।
~ अज्ञात
मेरे हाथों की लकीरों के इज़ाफ़े हैं गवाह,
मैंने पत्थर की तरह खुद को तराशा है बहुत।
![संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जब-जब जग किसी पर हंसा है,
तब-तब उसी ने इतिहास रचा है।](/_next/image?url=%2Fassets%2Fmotivational2.jpeg&w=3840&q=75)
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।
~ अज्ञात
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जब-जब जग किसी पर हंसा है,
तब-तब उसी ने इतिहास रचा है।
![जुनून है कि सारी हदे पार करके अपना मुकाम हासिल करना है,
और अपनों के लिए खुद की जवानी कुर्बान करनी है।](/_next/image?url=%2Fassets%2Fmotivational3.jpeg&w=3840&q=75)
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।
~ अज्ञात
जुनून है कि सारी हदे पार करके अपना मुकाम हासिल करना है,
और अपनों के लिए खुद की जवानी कुर्बान करनी है।
![पा-ब-गिल बे-ख़ुदी-ए-शौक़ से मैं रहता था
कूचा-ए-यार में हालत मिरी दीवार की थी](/_next/image?url=%2Fassets%2Fmotivational4.jpeg&w=3840&q=75)
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।
~ अज्ञात
पा-ब-गिल बे-ख़ुदी-ए-शौक़ से मैं रहता था
कूचा-ए-यार में हालत मिरी दीवार की थी
Festival Shayari
![कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार](/_next/image?url=%2Fassets%2FWhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_7.jpeg&w=3840&q=75)
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार
घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार
~ Bhagwan Das Ijaz
कहने लगे अब आइए सर पर है त्यौहार घर मेरा नज़दीक है तारों के उस पार ~ Bhagwan Das Ijaz
![तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!](/_next/image?url=%2Fassets%2FWhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_8.jpeg&w=3840&q=75)
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
तुम्हारी तो दिवाली है,
लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!!
~ अज्ञात
तुम्हारी तो दिवाली है, लेकिन मेरी जिंदगी तो तुमने होली कर दी है…!! ~ अज्ञात
![अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर](/_next/image?url=%2Fassets%2FWhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_9.jpeg&w=3840&q=75)
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani
![अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर](/_next/image?url=%2Fassets%2FWhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_10.jpeg&w=3840&q=75)
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर ~ Mushafi Ghulam Hamdani
!['आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार](/_next/image?url=%2Fassets%2FWhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_11.jpeg&w=3840&q=75)
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार ~ Couplets of Jamiluddin Ali
![जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली](/_next/image?url=%2Fassets%2FWhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_12.jpeg&w=3840&q=75)
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली ~ अज्ञात
![अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर](/_next/image?url=%2Fassets%2Ffamous3.jpeg&w=3840&q=75)
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
![अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर](/_next/image?url=%2Fassets%2Ffamous4.jpeg&w=3840&q=75)
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह
चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
~ Mushafi Ghulam Hamdani
अमआ की परी माने-ए-पर्वाज़ है जिस तरह चढ़ते नहीं मुर्ग़ान-ए-शिकम-सेर हवा पर
!['आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार](/_next/image?url=%2Fassets%2Ffamous5.jpeg&w=3840&q=75)
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार
हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
~ Couplets of Jamiluddin Ali
'आली' अब के कठिन पड़ा दीवाली का त्यौहार हम तो गए थे छैला बन कर भय्या कह गई नार
![जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली](/_next/image?url=%2Fassets%2Ffamous6.jpeg&w=3840&q=75)
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली
जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
~ अज्ञात
जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली
यहाँ पढ़ें खुशियों से भरी शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी और चेहरे पर मुस्कान लाएगी।
![मेरी हर खुशी हर बात तेरी है
साँसों में छुपी ये साँस तेरी है
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन
धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी है।](/_next/image?url=%2Fassets%2Fhappy1.jpeg&w=3840&q=75)
मेरी हर खुशी हर बात तेरी है
साँसों में छुपी ये साँस तेरी है
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन
धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी है।
~ अज्ञात
मेरी हर खुशी हर बात तेरी है साँसों में छुपी ये साँस तेरी है दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी है।
दिलों में बैर रखतें हों और रखते चेहरों पर झूठी मुस्कान वाह! ख़ुदा तूने भी बनाए क्या इंसान!
तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चराग़ लोग क्या सादा हैं सूरज को दिखाते हैं चराग़
![ऐ याद-ए-दोस्त आज तू जी भर के दिल दुखा
शायद ये रात हिज्र की आए न फिर कभी](/_next/image?url=%2Fassets%2Fhappy4.jpeg&w=3840&q=75)
ऐ याद-ए-दोस्त आज तू जी भर के दिल दुखा
शायद ये रात हिज्र की आए न फिर कभी
~ Nasir Kazmi
ऐ याद-ए-दोस्त आज तू जी भर के दिल दुखा शायद ये रात हिज्र की आए न फिर कभी
Funny Shayari
अज्ञात
![मोबाइल लेने के बाद और
शादी करने के बाद,
एक ही अफसोस होता है की
थोड़ा सब्र कर लेते तो
अच्छा माल मिल जाता।](/_next/image?url=%2Fassets%2Ffunny.jpeg&w=3840&q=75)
मोबाइल लेने के बाद और
शादी करने के बाद,
एक ही अफसोस होता है की
थोड़ा सब्र कर लेते तो
अच्छा माल मिल जाता।
~ अज्ञात
![शान से हम तेरे दिल में रहेंगे,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी,
इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!](/_next/image?url=%2Fassets%2Fromantic1.jpeg&w=3840&q=75)
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी,
इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!
~ अज्ञात
शान से हम तेरे दिल में रहेंगे, तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे, देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी, इस कदर बे-पनाह तुझे प्यार करेंगे……!!!
![तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…….!!!](/_next/image?url=%2Fassets%2Fromantic2.jpeg&w=3840&q=75)
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…….!!!
~ अज्ञात
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है, कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…….!!!
![इश्क़ में तेरा फ़ना बन जाऊ,
दर्द में तेरा सुकून बन जाऊ,
तुम रखो पैर जिस जगह पर भी,
वो जमीन मैं बन जाऊ।](/_next/image?url=%2Fassets%2Fromantic3.jpeg&w=3840&q=75)
इश्क़ में तेरा फ़ना बन जाऊ,
दर्द में तेरा सुकून बन जाऊ,
तुम रखो पैर जिस जगह पर भी,
वो जमीन मैं बन जाऊ।
~ अज्ञात
इश्क़ में तेरा फ़ना बन जाऊ, दर्द में तेरा सुकून बन जाऊ, तुम रखो पैर जिस जगह पर भी, वो जमीन मैं बन जाऊ।
![कुछ सोचता हूं तो तेरा ख्याल आ जाता है
कुछ बोलता हूं तो तेरा नाम आ जाता है
कब तक छुपा के रखूं दिल की बात को
तेरी हर अदा पर मुझे प्यार आ जाता है !](/_next/image?url=%2Fassets%2Fromantic4.jpeg&w=3840&q=75)
कुछ सोचता हूं तो तेरा ख्याल आ जाता है
कुछ बोलता हूं तो तेरा नाम आ जाता है
कब तक छुपा के रखूं दिल की बात को
तेरी हर अदा पर मुझे प्यार आ जाता है !
~ अज्ञात
कुछ सोचता हूं तो तेरा ख्याल आ जाता है कुछ बोलता हूं तो तेरा नाम आ जाता है कब तक छुपा के रखूं दिल की बात को तेरी हर अदा पर मुझे प्यार आ जाता है !
![मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है,
मगर… लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं…..!!!](/_next/image?url=%2Fassets%2Fromantic5.jpeg&w=3840&q=75)
मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है,
मगर… लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं…..!!!
~ अज्ञात
मै उसको चाँद कह दू ये मुमकिन तो है, मगर… लोग उसे रात भर देखें ये मुझे गवारा नहीं…..!!!
क़ैसर-उल जाफ़री
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
View Shayariसाहिर लुधियानवी
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
View Shayariअज्ञात
खामोशियों में छुपी हैं कई बातें, जो कहनी थीं तुमसे, पर अब नहीं कह पाते।
View Shayariअज्ञात
होते ही शाम, जलने लगा, याद का अलाव आँसू सुनाने दुख की कहानी निकल पड़े।
View ShayariZafar Iqbal
मुझ में हैं गहरी उदासी के जरासीम इस क़दर मैं तुझे भी इस मरज़ में मुब्तला कर जाऊँगा
View Shayariबेवफाई करने वालों को
बेवफाई करने वालों को शर्म कहां होती है, मजे से चेहरा उठाकर, वह महफिलों में चले आते हैं…!!
अज्ञाततूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई, अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी…!!
अज्ञातजब आपको बिना गलती के सजा मिले,
जब आपको बिना गलती के सजा मिले, तो उसे Bewafai कहा जाता है…!!
अज्ञातप्रेम ने हम पर ये इल्जाम लगाया है,
प्रेम ने हम पर ये इल्जाम लगाया है, वफ़ा कर के बेबफा का नाम आया हैं, राहें अलग नहीं थी हमारी फिर भी, हम ने अलग अलग मंज़िल को पाया हैं।
अज्ञातजाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा
जाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा बार-हा आज़मा के देख लिया
दाग़ देहलवीहर खूबसूरत चीज को
हर खूबसूरत चीज को एक खूबसूरत चीज़ कि तलाश होती है लेकिन हर खूबसूरत चीज बेवफ़ा होती हैं…!!
अज्ञातहम गम, तन्हाई और जुदाई से मरते रहे,
हम गम, तन्हाई और जुदाई से मरते रहे, और वो बेवफा बनके चुप बैठे रहे…!!
अज्ञात![Exclusive Shayari Offer](/assets/WhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_2.jpeg)
🎉 Shayari Week Special! 🎉
Celebrate your love for Shayari with our exclusive offer! Unlock unlimited access to premium Shayari collections, handpicked by poets and artists worldwide.
- Unlimited Access: Explore thousands of Shayari across all genres.
- Daily Updates: Fresh Shayari delivered to you every day.
- Exclusive Content: Premium Shayari for all.
❤️ दिल से शायरी ❤️
अपनी भावनाओं को शायरी की सुंदरता के साथ व्यक्त करें। प्रेरणादायक, रोमांटिक और जीवन से जुड़ी शायरी आपके दिल की बात कहने का बेहतरीन तरीका है। हर शब्द एक एहसास!
हर दिन नई शायरी का आनंद लें। आपकी भावनाओं के लिए हमारे पास हर शब्द है।
Some Facts
85%
of people who read or write poetry, including Shayari, report reduced stress and anxiety levels.
68%
of people find Shayari easier to use for expressing emotions compared to regular conversation.
60%
of people who attend poetry gatherings report improved social connections.
40%
of people who read motivational Shayari feel a noticeable boost in their productivity and focus.
25%
Writing Shayari as a journaling exercise improved emotional intelligence by 25% in individuals over a six-month period.
30%
Platforms like Instagram and YouTube see over 30% higher engagement on posts with Shayari compared to regular content.
35%
A tree plantation drive in India using Shayari slogans saw a 35% increase in volunteer numbers.
40%
Shayari is shared on social media platforms 40% more often than traditional text posts.
🌟 शायरी का जादू 🌟
शब्दों में छुपा है वो जादू जो दिल को छू जाए। चाहे खुशी हो या ग़म, शायरी हर भावना को खास बना देती है। आइए और अपनी भावनाओं को एक नया आयाम दें!
![Inspirational Shayari](/assets/WhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_1.jpeg)
शायरी क्यों खास है:
- दिल की बातों को बयां करने का सबसे खूबसूरत जरिया।
- हर दिन नई प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत।
- दोस्तों और परिवार के साथ साझा करने के लिए परफेक्ट।
अपनी हर भावना को शायरी के ज़रिए खास बनाइए। नई शायरी हर दिन!
Top Categories
❤️ अपनी भावनाओं को शायरी में ढालें ❤️
शायरी, वो कला है जो दिल से निकल कर सीधे दिल तक पहुंचती है। हर शब्द में छुपा है अनकही कहानियों का खजाना। आइए, अपने जज़्बातों को खूबसूरत अल्फाज़ों में बदलें।
![Express Emotions Through Shayari](/assets/WhatsApp_Image_2024_12_15_at_6_11_10_PM_6.jpeg)
शायरी के फायदे:
- तनाव कम करें: अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मानसिक शांति देता है।
- संबंधों को मजबूत बनाएं: खास लम्हों में शायरी से अपनी बात कहें।
- नई प्रेरणा पाएं: हर दिन पढ़ें नई शायरी और बनाएं खुद का शायरी संग्रह।
- पर्यावरण के लिए योगदान: हमारी हर शायरी पोस्ट के साथ, हम एक पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं।
"शब्द वो पुल हैं, जो दिलों को जोड़ते हैं।"